रूस में कोरोना की वैक्सीन तैयार होने का दावा, जानें कितना सच है यह

रूस में कोरोना की वैक्सीन तैयार होने का दावा, जानें कितना सच है यह

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस संक्रमण को खत्म करने के लिए अभी तक पूरी दुनिया के अलग-अलग देशों ने कई बार इस बात का दावा किया है कि उन्होंने कोविड-19 की वैक्सीन को तैयार कर लिया है। जबकि क्लिनिकल ट्रायल में ऐसे दावे सफल नहीं हो सके। ऐसे में रूस के द्वारा किए गए इस दावे पर कई लोगों को यकीन नहीं हो रहा है तो कुछ लोग इसे सच मान रहे हैं।

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सोशल मीडिया से लेकर इंटरनेट पर रूस के द्वारा तैयार की गई कोरोना वायरस की वैक्सीन के बारे में लोगों को जानने की उत्सुकता है। इसलिए हम आपको इस वैक्सीन से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स के बारे में बता रहे हैं जिसे आपको जरूर जाना चाहिए।

क्या सच में तैयार हो गई है कोरोना वायरस की वैक्सीन

इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के डायरेक्टर वेदिम तारासोव के अनुसार, कोरोना वायरस की वैक्सीन को तैयार कर लिया गया है। वॉलिंटियर्स पर सेचेनोव फर्स्ट मॉस्को स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के द्वारा इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल किया गया था। दो ग्रुप में किए गए इस क्लिनिकल ट्रायल में मरीजों के एक समूह 15 जुलाई को डिस्चार्ज किया जाएगा और दूसरा समूह 20 जुलाई को डिस्चार्ज होगा। रसिया की गेमाली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के द्वारा यह वैक्सीन 18 जून को तैयार की गई थी। इस क्लिनिकल ट्रायल के डायरेक्टर तारासोव का कहना है कि, "सेचनोव यूनिवर्सिटी ने दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन का सफलतापूर्वक टेस्ट कर लिया है।"

क्या है विशेषज्ञों का कहना

इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पेरासिटोलॉजी की डायरेक्टर एलेग्जेंडर लुकाशेव के मुताबिक, इस स्टडी का उद्देश्य था कि इस वैक्सीन का मानव सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव ना पड़े और ट्रायल के बाद यह सफलतापूर्वक कर लिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि वैक्सीन की सेफ्टी कंफर्म हो चुकी है। हालांकि, उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान यह भी कहा है कि, "यह उन वैक्सीन्स की तुलना में ज्यादा असरकारक है जो इस समय मार्केट में मौजूद हैं।"

कई वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भी जब तक इस वैक्सीन का ट्रायलसफल नहीं हो जाता, तब तक इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि कोरोना वायरस की यह वैक्सीन पूरी दुनिया के लोगों पर प्रभावी रूप से कार्य कर सकती है।

फिलहाल इस वैक्सीन का बड़े पैमाने पर ह्यूमन ट्रायल किए जाने की जरूरत है और इसके साथ-साथ इससे होने वाले प्रभाव के बारे में भी जानना बहुत जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से भी अभी तक इस मामले में कोई जानकारी नहीं शेयर की गई है। पूरी दुनिया के लोगों को इस वैक्सीन से बहुत आस है। लोगों को इस बात का इंतजार भी है कि यह वैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन और दूसरे हेल्थ ऑर्गेनाइजेशंस की तरफ से तैयार किए गए मानकों पर खरी पाई जाए और साथ ही साथ इसके उपयोग की भी इजाजत मिले। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई भी अपडेट नहीं मिला है।

(साभार- नवभारत टाइम्स)

 

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